पशुओ के इलाज के लिए फोन करते ही आएँगी एम्बुलेंस, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने हरी झंडी दिखा किया शुभारम्भ

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पशुओ के इलाज के लिए फोन करते ही आएँगी एम्बुलेंस, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने हरी झंडी दिखा किया शुभारम्भमध्यप्रदेश में नई नई फसले नई टेक्नोलॉजी में की जाती है मध्यप्रदेश के कई इलाको में अलग अलग फसले उगाई जाती है सरकार कृषि में बहुत सी स्कीमे और योजनाए चलाई जा रही है अब इसी कड़ी में आज पशु चिकित्सा एंबुलेंस चलाने की योजना लाई है. आज शुक्रवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की राजधानी भोपाल के लाल परेड मैदान से 406 पशु एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाई. आइये आपको बताते है इसके बारे में विस्तार से.


कैसा रहेगा पशु एंबुलेंस का काम

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आपको बता दे की चलित पशु चिकित्सालय इकाई स्पॉट पर ही पशु का प्रारंभिक इलाज करेगी और अगर जरुरी हुआ तो उसे चिकित्सालय रेफर किया जाएगा. इसमें मेडिकल यूनिट में दवाई, वैक्सीन, समेत सभी जरूरत की चीजें मौजूद रहेंगी. यूनिट में कुल 3 सदस्य मौजूद रहेंगे डॉक्टर, अटेंडर और एक ड्राइवर कम अंटेडर होंगे. यूनिट में छोटे पशुओं के ऑपरेशन तक किए जाने की सुविधा दी गई है. इसमें डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ हमेशा मौजूद रहेंगे इसके माध्यम से प्रदेश के हर विकासखंड में पशु चिकित्सा एंबुलेंस चलाने की योजना बनाई गई है. इसकी मॉनिटरिंग जीपीएस के जरिए भी की जाएगी. तो ऐसे काम करेंगी यह एम्बुलेंस।

इस नबर पर कॉल करके आएँगी पशु एम्बुलेंस

पशु एम्बुलेंस को बुलाने के लिए सरकार ने एक नंबर भी जारी किया है इसके लिए सेंटर का टोल फ्री नंबर 1962 भी जारी किया गया है, जिस पर फोन कर पशुपालक एंबुलेंस को जरूरत पड़ने पर बुला सके.

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इतना खर्चा कर रही सरकार

जैसा की जानकारी के मुताबिक केंद्र और राज्य सरकार की इस संयुक्त योजना के संचालन में हर साल लगभग 77 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. इसमें केंद्र द्वारा 60 और राज्य द्वारा 40 प्रतिशत का खर्च देगी. वहीं एंबुलेंस में पशु उपचार के साथ कृत्रिम गर्भाधान, शल्य चिकित्सा और रोग परीक्षण की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाएगी. टोल फ्री नंबर के जरिए पशुपालक घर पर ही पशु चिकित्सा का लाभ उठा सकते हैं. यानि एक फ़ोन पर एम्बुलेंस आएँगी।

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गौ रक्षा के लिए ऐसे है कानून

आपको बता दे की गौ रक्षा के लिए मध्यप्रदेश में गौ माता की रक्षा और संरक्षण के लिए कानून लागू करने वाले अग्रणी राज्यों में शामिल है. सरकार ने जो अधिनियम जारी किए हैं उसमें गाय का वध करने पर 7 साल की सजा दिए जाने का प्रावधान बनाया गया है.  इसी के साथ प्रदेश भर में 1762 गौशालाओं का संचालन किया जा रहा है, जानकारी के मुताबिक जहां लगभग 2 लाख 80 हजार से अधिक गायों को पाला जा रहा है. उन पाले जा रहे गायों के चारे के लिए करोड़ों रुपए का सब्सिडी भी राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है. अब इसी कड़ी में एक कॉल से गौ एम्बुलेंस आएँगी।

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