ग्रामीण क्षेत्र में भारत में खेती-किसानी पर अधिक ध्यान दिया जाता है क्योंकि खेती से ज्यादा मुनाफा होता है. आपको बता दें कि खेती के माध्यम से लोग ज्यादा मुनाफा कमाते हैं यही वजह है कि ग्रामीण क्षेत्र की आजीविका कृषि पर निर्भर करती है.
भारत में अमरूद बेहद लोकप्रिय फल माना जाता है क्योंकि इसमें विटामिन आयरन फास्फोरस समेत कई तरह के खनिज तत्व पाए जाते हैं. अमरूद की खेती में काफी कम लागत लगता है.
इस तरह से करिए अमरूद की खेती,कम समय में होगा तगड़ा मुनाफा,जाने विस्तार से
तो आइए जानते हैं कैसे कम लागत में अच्छी खेती अमरूद की आप कर सकते हैं –
जलवायु
अमरूद की खेती के लिए गर्म जलवायु अच्छा होता है इसके साथ ही साथ शुष्क जलवायु भी अच्छी होती है. अमरूद की अच्छी पैदावार के लिए 15 से 30 सेंटीग्रेड तापमान की आवश्यकता होती है. मौसम के उतार-चढ़ाव का अनुरोध की फसल पर कोई प्रभाव नहीं होता.
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मिट्टी
आपको बता दें कि अमरूद की बागवानी किसी भी तरह की मिट्टी में हो जाती है लेकिन बलुई दोमट मिट्टी में इसका पैदावार अच्छा होता है.
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बुवाई
अमरूद की बुवाई फरवरी या मार्च महीना या फिर अगस्त के सितंबर महीने में की जाती है. आपको बता दें कि अमरूद के खेतों में बीजों की बुवाई के अलावा रोपाई से भी अच्छी पैदावार की जा सकती है. इसके साथ ही साथ आपको खरपतवार नियंत्रण का भी विशेष ध्यान देना होगा क्योंकि खरपतवार अगर खेतों में रहेंगे तो आपका खेत का सारा फसल खराब हो सकता है.
आपको बता दें कि एक बार अमरूद की बागवानी करने पर आप काफी लंबे समय तक इससे मुनाफा कमा सकते हैं इसलिए अमरूद की बागवानी काफी अच्छी मानी जाती है.