Indian Army में किस राज्य से कितने जवान शामिल हैं? जान जाएंगे तो अग्निपथ पर बवाल के सवाल का भी मिल जाएगा जवाब!

- सेना भर्ती की नई योजना अग्निपथ को लेकर देशभर में विरोध जारी है. हालांकि आंदोलन शांत हो गया है, लेकिन अभी भी देश के कई हिस्सों में विरोध के स्वर उठ रहे हैं. पिछले दिनों हुए हिंसक आंदोलन में आक्रोशित युवाओं ने करोड़ों रुपये की सार्वजनिक संपत्ति फूंक डाली. कई ट्रेनों में आग लगा दिए गए, स्टेशनों को फूंक दिया गया, सार्वजनिक संपत्तियों में तोड़फोड़ की गई. सबसे ज्यादा बवाल बिहार और यूपी में हुआ. इसको लेकर युवाओं की खूब आलोचना भी हुई. लोगों के मन में सवाल था कि बिहार और उत्तर प्रदेश में अपेक्षाकृत ज्यादा बवाल क्यों हुआ?
- कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि यूपी और बिहार से सेना में सबसे ज्यादा जवान जाते हैं. भारतीय सेना में यूपी और बिहार की हिस्सेदारी करीब 24 परसेंट है. इन राज्यों से बड़ी संख्या में युवा आर्मी की तैयारी करते हैं. आर्मी में फुलटाइम सेवा देना चाहते हैं. ऐसे में अग्निपथ स्कीम से उन्हें झटका लगा है. हालांकि 4 साल के बाद उनके पास अन्य कई विकल्प होंगे.
- मार्च 2021 में राज्यसभा में सरकार ने इस संबंध में जो आंकड़े प्रस्तुत किए थे, उसके अनुसार भारतीय सेना में जवानों के रूप में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 16 फीसदी, जबकि बिहार की हिस्सेदारी 8 फीसदी है. आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय सेना में कुल 13,40,953 जवान कार्यरत हैं. इनमें से 2,18,512 जवान उत्तर प्रदेश से हैं तो वहीं 1,04,539 जवान बिहार से हैं. इसके बाद नंबर आता है राजस्थान का, जहां से 1,03,265 जवान यानी करीब 8 फीसदी जवान सेना में कार्यरत हैं.
- राजस्थान के बाद महाराष्ट्र का नंबर आता है, जहां से करीब 7 फीसदी (93,938) जवान सेना में कार्यरत हैं. पंजाब और हरियाणा से क्रमश: 93,438 (7 फीसदी) और 89,239 (6.7 फीसदी) जवान सेना में शामिल हैं. वहीं उत्तराखंड की हिस्सेदारी सेना में करीब 5 फीसदी है. यहां से 68,997 जवान सेना में शामिल हैं.
- अब बात करें पश्चिम बंगाल की तो इंडियन आर्मी में यहां की हिस्सेदारी करीब 4.7 फीसदी है. यहां से 63,891 जवान सेना में शामिल हैं. वहीं तमिलनाडु और मध्य प्रदेश से क्रमश: 56,168 और 55,229 जवान सेना में शामिल हैं. बाकी अन्य बचे राज्यों को मिला दें तो 3,93,737 जवान सेना में शामिल हैं. सेना में कुल जवानों की संख्या 13,40,953 और उपरोक्त आंकड़े मार्च 2021 में सरकार द्वारा राज्यसभा में दी गई जानकारी के आधार पर प्रस्तुत की गई है.