First Human Stay on Mars: मंगल ग्रह पर 30 दिन एस्ट्रोनॉट्स के रहने की जानिए खास वजह

News, New Delhi लेकिन इससे पहले कई काम करने हैं. वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के बीच चर्चा का बड़ा मुद्दा ये है कि एक महीना एस्ट्रोनॉट्स करेंगे क्या? मंगल पर गए खोजकर्ता क्या वहां पर झंडा लगाएंगे.
जिंदा रहने के लिए किस तरह की मशक्कत करनी होगी. किस जगह लैंडिंग की जाएगी. कई तरह के सवालों के जवाब खोजने हैं. लेकिन मंगल पर बनने वाले बेस का नाम तय हो गया है. (फोटोः पिक्साबे)
First Human Stay on Mars
आपको बता दें की मंगल पर बनने वाले पहले इंसानी बेस का नाम है मार्स बेस 101 (Mars Base 101). पिछले महीने नासा ने एक मीटिंग बुलाई.
जिसमें यह तय किया गया कि मंगल ग्रह पर बनने वाले पहले बेस पर मौजूद एस्ट्रोनॉट्स क्या करेंगे. कैसे इंसानी मिशन मंगल तक जाएगा. पूरे मिशन के दौरान किस-किस तरह के ऑपरेशन होंगे. किस तरह के साइंटिफिक जांच किए जाएंगे. (फोटोः फ्रीपिक)
First Human Stay on Mars
आपको बता दें की मीटिंग में एक मजेदार बात ये निकल कर आई कि एस्ट्रोनॉट्स को भेजने से पहले एक रोबोटिक मिशन भेजा जाएगा. ताकि किस तरह के उपकरणों की जरूरत मंगल पर पड़ेगी वो उसकी जांच करें.
फिर ऐसे उपकरणों को भेजा जाएगा. जो इंसानों को लाल ग्रह पर जिंदा रखने के लिए जरूरी हों. क्योंकि मंगल ग्रह पर एस्ट्रोनॉट्स को ज्यादातर समय तक काम करना होगा, ताकि वो जीवित और स्वस्थ रह सकें. (फोटोः पिक्साबे)
First Human Stay on Mars
बता दें की ह्यूस्टन स्थित नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर के एस्ट्रोमटेरियल्स रिसर्च एंड एक्स्प्लोरेशन साइंस डिविजन के प्लैनेटरी साइंटिस्ट पॉल नाइल्स ने कहा कि 30 दिन मंगल पर रहने वाले एस्ट्रोनॉट्स को आराम से ज्यादा काम करना होगा.
उनका शेड्यूल बेहद टाइट होगा. ताकि हम ज्यादा से ज्यादा जानकारी जमा कर सकें. पहले मिशन के बाद मंगल पर कई और तरह के रिसर्च होंगे. साथ ही इंसानों की बस्ती बसाने में मदद मिलेगी. (फोटोः फ्रीपिक)
First Human Stay on Mars
यह जानकारी भी मिल रही है की नाइल्स ने कहा कि हमें मंगल ग्रह को समझने के लिए कई तरह के रिसर्च की जरूरत है. जो लाल ग्रह पर पहुंचने के बाद ही पूरी होगी. डेनेवर में 4 और 6 मई को हुई बैठक में हमने दुनिया भर के बेस्ट वैज्ञानिकों को बुलाया था.
इस मीटिंग के बाद एक मार्स इंटीग्रेशन ग्रुप बनाया गया था. जिसकी प्रमुख मिशेल रकर हैं. मिशेल ने कहा कि हमने पूरी दुनिया से मंगल ग्रह पर इंसानी बस्ती बसाने के लिए एकसाथ काम करने वाले लोगों को बुला लिया है. (फोटोः नासा)
First Human Stay on Mars
बता दें की मिशेल रकर ने कहा कि मंगल मिशन की सबसे बड़ी कठिनाई है, धरती से उसकी दूरी. मंगल पर इंसानों को भेजने के लिए और उन्हें वापस बुलाने के लिए दो साल या उससे ज्यादा का समय लगेगा.
हमने आजतक किसी को भी इतने समय के लिए अंतरिक्ष में नहीं भेजा है. इतनी लंबी यात्रा के लिए मजबूत यान, पूरा खाना-पीना, ईंधन आदि सब देना होगा. क्योंकि यंत्रों को भेजना आसान होता है, इंसानों को भेजना मुश्किल होगा. (फोटोः नासा)