गुवाहाटी राजमार्ग टेंडर घोटाले का सामने आया कोलकाता कनेक्शन, CBI ने महानगर के व्यापारी के 4 ठिकानों पर मारी रेड

असम के गुवाहाटी दिसपुर राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण संबंधी टेंडर घोटाला मामले में जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की टीम ने कोलकाता में छापेमारी की है. कोलकाता में सीबीआई की चार टीमें असम के गुवाहाटी में एक मामले की जांच के लिए पहुंची. बुधवार की सुबह एक व्यापारी के घर की सीबीआई अधिकारियों ने चार जगहों पर तलाशी ली. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (Indian National Highway Authority) पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. सीबीआई उस मामले में स्त्रोत से मिली जानकारी के आधार पर सीबीआई के अधिकारियों ने कोलकाता के एक कारोबारी (Kolkata Businessman) के घर की तलाशी ली. केंद्रीय एजेंसी के सूत्रों ने बुधवार को इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि सीबीआई की टीम ने कोलकाता की अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की है, जहां से कई सारे महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए हैं.
सीबीआई सूत्रों के अनुसार मोचीपाड़ा स्थित एक व्यापारी के घर पर सीबीआई के अधिकारियों ने छापेमारी की. सौमित्र डे नाम के कारोबारी का गुवाहाटी में भी कारोबार है. लगभग 4 घंटे तक सीबीआई के अधिकारियों ने पूछताछ की. इसके बाद अधिकारी चले गए.
फर्जी कंपनी बनाकर टेंडर हासिल करने का लगा है आरोप
दरअसल, टेंडर जारी करने के मामले में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने के आरोप लगे हैं. अलग-अलग फर्जी कंपनियां बनाकर टेंडर हासिल किए गए हैं. इसमें कोलकाता के व्यवसायी की भूमिका रही है इसीलिए उनके आवास और दफ्तरों में तलाशी अभियान चलाया गया है. सौमित्र डे पर इसमें शामिल होने का आरोप लगा है. उनके पड़ोसियों के अनुसार, मूल रूप से सौमित्र डे बिजली के उपकरण बनाने का कारोबार करते हैं. वह लंबे समय से असम में कारोबार कर रहे हैं. असम में गुवाहाटी-दिसपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के नवीनीकरण और विस्तार में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. ज्ञात हो कि सड़क इसके निर्माण के लिए बुलाए गए टेंडर में निजी कंपनी पर धांधली और रिश्वतखोरी का आरोप लगा था.
घोटाले में अभी तक पांच हो चुके हैं गिरफ्तार
इससे पहले इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इसमें राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के दो कर्मचारी शामिल थे. पिछले अप्रैल में मामला दर्ज किया गया था. संगठन के 13 सदस्यों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी. ज्ञात हो कि निजी कंपनी सड़क निर्माण के आदेश दे दिए गए हैं. बाद में, निजी कंपनी की पहचान की गई और उसकी तलाशी ली गई, और कोई अन्य कंपनी या कारोबारी इस काम में शामिल है या नहीं इसकी भी जांच की जा रही है.