काम आया किसानों का दबाव, अब राजस्थान में केंद्र द्वारा तय रेट पर खरीदा जाएगा लहसुन

राजस्थान के किसानों के लिए राहत की खबर है. अब उन्हें लहसुन का अच्छा भाव (Garlic Price) मिलेगा. राज्य सरकार ने राजस्थान स्टेट कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन (राजफेड) के माध्यम से 46830 मीट्रिक टन लहसुन खरीद का निर्णय लिया है. केंद्र सरकार द्वारा इसका खरीद का मूल्य 2957 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है. स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल की पहल पर राज्य सरकार द्वारा जयपुर में संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक में केंद्र सरकार द्वारा जारी स्वीकृति आदेश की शर्तों के तहत इसे खरीदने का फैसला लिया गया. राज्य के किसान केंद्र सरकार द्वारा तय रेट पर खरीदने की मांग कर रहे थे.
धारीवाल ने किसानों की समस्या तथा उत्पादित लहसुन के बारिश के दौरान खराब होने की संभावना को देखते हुए मुख्यमंत्री के समक्ष किसानों की बात रखी. सीएम ने केंद्र द्वारा तय रेट पर खरीद के लिए सहमति दे दी. अब राज्य के 6 जिलों में खरीद का फैसला लिया गया है. इसकी खरीद, क्वालिटी कंट्रोल और अन्य प्रक्रिया में नाफेड का सहयोग लिया जायेगा.
किस जिले में लहसुन की कितनी होगी खरीद?
- कोटा जिले में 13 हजार 500 मीट्रिक टन लहसुन लिया जाएगा. इसकी खरीद कोटा व सांगोद केंद्र पर होगी.
- झालावाड़ में 8830 मीट्रिक टन की खरीद होगी. यहां किसान खानपुर व भवानी मंडी खरीद केन्द्र पर बिक्री कर सकेंगे.
- बारां में 13700 मीट्रिक टन लहसुन खरीदा जाएगा. इसकी खरीद बारां व छींपा बड़ौद खरीद केन्द्र पर होगी.
- प्रतापगढ़ जिले में 5000 मीट्रिक टन खरीदा जाएगा. इसकी खरीद प्रतापगढ़ के खरीद केन्द्र पर होगी.
- बूंदी जिले में 4000 मीट्रिक टन की खरीद होगी. इसे केशवरायपाटन खरीद केन्द्र पर क्रय किया जाएगा.
- जोधपुर में 1800 मीट्रिक टन की खरीद होगी. जिसे जोधपुर खरीद केन्द्र पर लिया जाएगा.
बेचने के लिए ऑनलाइन होगा रजिस्ट्रेशन
केंद्र सरकार द्वारा तय कीमत पर लहसुन बेचने के लिए किसानों को ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. वे इसके बाद ही खरीद केन्द्र पर निर्धारित पर जाकर अपनी उपज बेच सकेंगे. किसानों को भुगतान खरीद के 5 दिन के अंदर राजफेड द्वारा ऑनलाईन किसान के बैंक खाते में किया जाएगा. खरीद केन्द्रों पर गुणवत्ता एवं मापदंड की जांच में सहयोग के लिए कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे.
किसान नेता ने लगाए थे सरकार पर आरोप
किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट ने पिछले सप्ताह ही आरोप लगाया था कि राजस्थान में किसान सिर्फ 1400 रुपये प्रति क्विंटल के रेट पर किसान लहसुन बेचने के लिए मजबूर हैं. जबकि केंद्र सरकार ने बाजार हस्तक्षेप योजना (Market Intervention Scheme) के तहत 2957 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है. सही दाम न मिलने की वजह से लहसुन उत्पादक किसानों को 3,274 लाख रुपये का घाटा हो चुका है.